अगर आप अक्सर थकान का अनुभव करते हैं तो बाला का सेवन आपको भरपूर ऊर्जा दे सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, थकान तब होती है जब आपका कफ दोष असंतुलित होता है और जब आप इस जड़ी-बूटी का सेवन करते हैं तो यह इसे संतुलित कर देती है।
बाला ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी रोग के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकती है। इसका कारण है कि यह जड़ी-बूटी एंटी-इंफ्लेमेटरी, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एडाप्टोजेनिक गुणों से युक्त होती है।
कॉग्निटिव फंक्शन को मजबूत करने में भी बाला मदद कर सकती है। साल 2016 में किए गए एक अध्ययन के परिणामों से पता चला कि बाला याददाश्त को बेहतर बनाकर कॉग्निटिव फंक्शन को अधिक प्रभावी बनाता है।
एक शोध के मुताबिक, बाला चिंता और तनाव के लक्षण और इनसे जुड़ी समस्याओं को धीरे-धीरे दूर करने में काफी मदद कर सकता है। इसमें तनाव विरोधी और अवसाद विरोधी गुण मौजूद होते हैं, जो तनाव और अवसाद से राहत दिला सकते हैं।
बाला के सेवन से इम्युनिटी पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। इस जड़ी-बूटी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से बचाते हैं, जो कई हानिकारक बीमारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं।