तेलंगाना के वारंगल जिले में पाखल वन्यजीव अभयारण्य में तरह-तरह के पेड़-पौधे, कई जानवर और पाखल नाम की एक कृत्रिम झील है। पाखल झील पर्यटकों के घूमने और आराम करने के लिए एक लोकप्रिय स्थान बन गया है।
कुंतला वॉटर फॉल्स कदम नदी पर स्थित है, जो 50 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाला तेलंगाना का सबसे ऊंचा वॉटर फॉल है। यह वॉटर फॉल कई तालाबों से मिलकर बना है। यह वॉटर फॉल और इसके आसपास का नजारा बहुत ही खूबसूरत है।
भोंगीर किला अपनी आकर्षक विशेषताओं के लिए जाना जाता है, जैसे जाल के दरवाजे, तालाब, एक गुप्त कक्ष और अस्तबल आदि। इस किले को त्रिभुवनमल्ला विक्रमादित्य चतुर्थ ने 1076 ई. में बनवाया था।
तेलंगाना के ऑफबीट पर्यटन स्थलों में शामिल वारंगल का किला एक आकर्षित और ऐतिहासिक स्थान है। पर्यटकों के लिए यह किला हर दिन सुबह 9 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक खुला रहता है। इतिहास के प्रति रुचि रखने वालों को तो यहां जरूर जाना चाहिए।
दुलिकत्ता एक गांव है, जो बौद्ध महास्तूप के लिए प्रसिद्ध है। इस प्राचीन स्तूप के अवशेष अभी भी कई स्थानों पर दिखाई देते हैं। जैसे सातवाहन राजवंश के छिद्रित सिक्के, मोती, चूड़ियां और चांदी के गहने आदि।