हेपेटाइटिस-B एक गंभीर लीवर संक्रमण रोग है और यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन बच्चों को इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके कारण लीवर में सूजन आ जाती है, जो समय के साथ कई शारीरिक जटिलताओं को जन्म देती है।
इस संक्रमण रोग दो प्रकार (एक्यूट और क्रोनिक) होते हैं। एक्यूट के रोगी छह महीने के अंदर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, जबकि क्रोनिक हेपेटाइटिस-B लीवर सिरोसिस और लीवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
हेपेटाइटिस-B आनुवांशिकता के कारण हो सकता है और यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं तो भी आप इसकी चपेट में आ सकते हैं। HBV संक्रमित के खून से दूषित सुई और सीरिंज का इस्तेमाल भी सामान्य व्यक्ति को हेपेटाइटिस-B कर सकता है।
कमजोरी का महसूस होना, भूख में कमी, हल्का बुखार रहना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, मतली, त्वचा का पीला पड़ना और जल्दी-जल्दी बीमारा पड़ना इसके प्रमुख लक्षण हैं। ये लक्षण इतने सामान्य है कि अक्सर लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन आप ऐसा न करें।
अगर इस रोग का टीकाकरण नहीं हो पाता है तो कुछ दवाओं से डॉक्टर आपकी इस समस्या का इलाज कर सकते हैं, वहीं स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर ऑपरेशन या लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह भी दे सकते हैं।