यदि आपके कमरे की रोशनी बहुत तेज या कम है तो इससे आंखों पर जोर पड़ सकता है और यह तनाव के साथ सिरदर्द का कारण बन सकता है। ऐसे में कमरे की लाइट्स को सही ढंग से व्यवस्थित करें ताकि आंखें बिना ज्यादा मेहनत किए लैपटॉप या अन्य डिजिटल गैजेट्स की स्क्रीन को आसानी से देख सकें।
पलकें कम झपकाने से आंखों में सूखापन, जलन, तनाव, रोशनी कम होना, बेचैनी और एकाग्रता में कमी हो सकती है। नतीजतन, यह आंखों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। बेहतर होगा कि किसी भी डिजिटल गैजेट का इस्तेमाल करते समय बार-बार पलकें झपकात रहें।
टीवी या लैपटॉप स्क्रीन पर लगातार देखने से आंखों में तनाव और दर्द होने की संभावना बढ़ जाती हैं। ऐसे में इनका इस्तेमाल करते समय हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर रखी किसी वस्तु को देखें। इससे आंखें हमेशा स्वस्थ रहेंगी।
लंबे समय तक इस लाइट के संपर्क में रहने से आंखों में खिंचाव, तनाव और सिरदर्द हो सकता है और नींद पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में इस लाइट से सुरक्षित रहने के लिए अपने गैजेट्स पर एंटी-ग्लेयर स्क्रीन लगाएं।
डिजिटली डिटॉक्स से मतलब है कि स्क्रीन से बाहर आकर वास्तविक दुनिया का आनंद लें। उदाहरण के लिए अगर रविवार को ऑफिस की छुट्टी है तो अपने परिवार के साथ बिताएं और फोन, लैपटॉप और टीवी से दूरी बनाए रखें। इससे आपकी आंखें काफी हद तक तनाव मुक्त रह सकेंगी।