खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से नसें भी प्रभावित होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप हाथ और पैरों में झुनझुनी या सुन्नता हो सकती है। इसके कारण चलने-फिरने या खड़े होने में काफी परेशानी होने लगती है।
सांस फूलना हाई कोलेस्ट्रॉल सहित कई हृदय रोगों का एक स्पष्ट शारीरिक संकेत है। सांस की तकलीफ हृदय में ब्लड सर्कुलेशन में कमी के कारण हो सकती है, जो तब होता है जब धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण होता है।
खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से ब्लड प्रेशर भी अनियंत्रित हो सकता है। इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या उत्पन्न हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर के कोई लक्षण नहीं होते हैं। इसे जानने का केवल एक ही तरीका है कि आप इसकी नियमित जांच करवाते रहें।
अगर आप खुद को काफी थका हुआ महसूस कर सकते हैं और आपके पास रोजाना के कामों को पूरा करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा भी नहीं होती है तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ रहा है।
शरीर में बढ़ते खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर का असर त्वचा पर भी दिखाई देता है। अगर आपको आंखों के नीचे की त्वचा पर संतरी या पीला रंग दिखाई दे या फिर हथेलियों और पैरों के निचले हिस्से पर इसी तरह का रंग दिखाई दे तो सतर्क हो जाएं।