सुर्योदय से पहले कुछ भी खाने-पीने की इच्छा नहीं होती है, इसलिए कुछ महिलाएं ठीक से सरगी नहीं खाती। हालांकि, इससे दोपहर तक उन्हें कमजोरी महसूस होने लगती है। इससे बचाव के लिए सरगी थाली में पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
सरगी में मिठाई और अन्य मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। दरअसल, सरगी के समय अगर आप मीठे व्यंजन खाएंगे तो इससे बाद में आपको भूख लग सकती है। इसके कारण आप व्रत के दौरान कमजोर और सुस्त महसूस करेंगी।
व्रत के दौरान हाइड्रेटेड रहना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आपको शारीरिक प्रणालियों के समुचित कार्यों में मदद मिलती है। इसके लिए अभी से दिन में 8-12 गिलास पानी जरूर पीएं और सरगी के समय गुनगुना पानी पीएं।
निर्जला व्रत रख रही महिलाओं को कम से कम धूप में निकलने की कोशिश करनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगी तो ज्यादा प्यास लगेगी और पानी पीने की इच्छा होगी। इसके अलावा मेहनत वाले काम करने से भी बचें ताकि आपकी ऊर्जा बनी रहे।
हालांकि, खाली पेट सरगी के समय चाय और कॉफी जैसे पेय पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इन पेय पदार्थों के सेवन से एसिडिटी, सीने में जलन, डिहाइड्रेशन, सूजन और पेट में दर्द जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।