नियमित एक्सरसाइज करने से सेरोटोनिन हार्मोन को बढ़ाया जा सकता है। दरअसल, एक्सरसाइज करने से ट्रिप्टोफैन का उत्पादन शुरू होता है। यह एक ऐसा एमिनो एसिड है जो मस्तिष्क में जाकर सेरोटोनिन में बदल जाता है। ऐसा माना जाता है कि सभी शारीरिक एक्सरसाइज में एरोबिक्स से सबसे ज्यादा सेरोटोनिन बनता है।
धूप सेंकने से शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी होती है। इसके साथ ही सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर भी ठीक रहता है। दरअसल, सूरज की रोशनी से मूड तरोताजा होता है, जिससे सेरोटोनिन रिलीज होता है। इस वजह से डॉक्टर्स भी धूप में कम से कम 10 से 15 मिनट बैठने की सलाह देते हैं।
भावनाएं और तनाव शरीर में सेरोटोनिन के कम स्तर का कारण बनते हैं, इसलिए सेरोटोनिन उत्पादन को बढ़ाने के लिए आपको सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना चाहिए। इसके लिए आप योग, मेडिटेशन, गाना सुनना, मालिश करवाना, दोस्तों से बात करना और गहरी सांस लेने वाली एक्सरसाइज आदि करें।
अपनी डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें जो सेरोटोनिन का उत्पादन करने में शरीर की मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप टोफू, मक्का, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, अखरोट, मूंगफली, दूध, पनीर, राजमा, हरी पत्तेदार सब्जियां और ओट्स का सेवन ज्यादा कर सकते हैं।
मस्तिष्क के अमिगडाला में कमियों का कारण ट्रिप्टोफैन और सेरोटोनिन का कम स्तर होता है। दोस्तों या परिवार के साथ समय बिताने से आपको प्यार, एकजुटता और आत्मविश्वास का अनुभव होता है, जो अमिगडाला की डर की प्रतिक्रिया को निष्क्रिय करता है और सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाता है।