पोटैशियम रक्त वाहिकाओं को आराम करने में मदद करता है और अगर इसकी शरीर में कमी हो जाती है तो वे सिकुड़ने लगती हैं। इसके परिणावस्वरूप हाई ब्लड प्रेशर का लगातार सामना करना पड़ सकता है।
अगर शरीर में पोटैशियम की पर्याप्त मात्रा हो तो इससे मांसपेशियों में लचीलापन बरकरार रहता है। हालांकि, इस खनिज की कमी मांसपेशियों पर उलट प्रभाव डालती है। इससे मांसपेशियों में दर्द और अकड़न होने लगती है।
पोटैशियम के स्तर में एक बड़ी गिरावट हृदय की धड़कन को धीमा कर सकती है, जिससे आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको हार्ट अटैक आ रहा हो। यह सामान्य नहीं है और इसका कारण कुछ भी हो सकता है, इसलिए ऐसा कुछ भी महसूस होने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें।
कम पोटैशियम के स्तार का पाचन क्रिया पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। शरीर में पोटैशियम की कमी ब्लोटिंग का कारण बन सकती है। बता दें कि ब्लोटिंग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट के अंदर के ऊतक फूल जाते हैं या बढ़ने लगते हैं।
शरीर में पोटैशियम की पर्याप्त मात्रा न होने पर लगातार सिर घूमने की भी शिकायत हो सकती है। इस स्थिति में सुधार करने के लिए गहरी सांस लेना सबसे अच्छा उपाय है। यह मस्तिष्क के सभी हिस्सों को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाता है। इससे तंत्रिका तंत्र को आराम मिलता है और चक्कर आना कम हो सकता है।