मैग्नीशियम मांसपेशियों के लिए ईंधन का काम करता है। इसका मतलब है कि शरीर में इसकी कमी होने पर मांसपेशियों पर सबसे पहले बुरा प्रभाव पड़ता है और मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।
अगर आपको भरपूर आराम करने के बावजूद काफी ज्यादा थकान या कमजोरी महसूस होने लगती है तो इससे साफ जाहिर होता है कि आपके शरीर में मैग्नीशियम की कमी है।
वैसे तो बहुत ज्यादा परेशान या फिर उत्साहित होने पर व्यक्ति के हृदय की धड़कन का कम या ज्यादा होना सामान्य बात है, लेकिन अगर आपके हृदय की धड़कन कुछ सेकेंड से ज्यादा देर के लिए अनियंत्रित हो रही है तो यह भी मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है।
मैग्नीशियम की कमी से आप कई तरह की मानसिक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। दरअसल, अगर शरीर में पर्याप्त मैग्नीशियम हो तो मस्तिष्क को संदेश भेजने वाले न्यूरोट्रांसमीटर नियंत्रित रहते हैं। दूसरी तरफ मैग्नीशियम की कमी न्यूरोट्रांसमीटर के लिए नुकसानदायक साबित होती है।
अगर आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम नहीं है तो इस वजह से इम्युनिटी बुरी तरह से प्रभावित होती है। इससे घावों और बीमारियों के ठीक होने में ज्यादा समय लगता है और शरीर अंदर से काफी कमजोरी महसूस करता है।