अवसाद एक वास्तविक विश्व समस्या है और कई लोगों में वजन बढ़ने का प्रमुख कारण है। इसके अलावा तनाव भी वजन को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इसका कारण है कि तनाव भावनात्मक रूप से खाने की लालसा को बढ़ाता है, जिससे वजन बढ़ता है।
थायराइड ग्रंथि ट्राईआयोडोथायरोनिन और थायरॉक्सिन हार्मोंन्स का निर्माण करती है और जब ये हार्मोंन्स असंतुलित होने लगते हैं तो हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति बनती हैं। हाइपोथायरायडिज्म के कारण वजन बढ़ता है।
प्रौद्योगिकी ने कई लोगों को आलसी बना दिया है। अगर सामने कंप्यूटर या टीवी हो तो शायद ही कोई इनके सामने से उठना पसंद करता होगा। इससे वजन बढ़ना आम बात है। इसका समाधान यही है कि बाहरी खेल खेलें और रोजाना कुछ मिनट व्यायाम करें।
वजन का बढ़ना कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव भी हो सकता है। अवसाद, माइग्रेन, स्टेरॉयड, एलर्जी, टाइप II मधुमेह, रक्तचाप और दौरे के उपचार के लिए दवाएं अचानक वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं।
मेनोपॉज महिलाओं के शरीर में होने वाला एक प्राकृतिक बदलाव है, जो अक्सर 45 से 55 साल की उम्र में दिखाई देता है। इसमें एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से मेटाबॉलिज्म स्तर धीमा हो जाता है, जिसके कारण वजन बढ़ने लग ता है।