यह फेस्टिवल नागालैंड के मोकोकचुंग में एओ जनजाति द्वारा गर्मी के मौसम में फसलों की बुवाई के तुरंत बाद मनाया जाता है। मोत्सु फेस्टिवल तीन दिवसीय आदिवासी त्योहार है और आदिवासी समुदाय के बीच प्रेम, सद्भाव और संबंध का प्रतीक माना जाता है।
लद्दाख का हेमिस फेस्टिवल 300 साल पुराना है और यह बौद्धों द्वारा मनाया जाता है। यह फेस्टिवल तिब्बतियों के नए साल की शुरुआत के 10वें दिन होता है और यह गुरु पद्मसंभव की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य कार्यक्रम चाम नामक एक मास्क डांस है।
राजस्थान में आयोजित जैसलमेर डेजर्ट फेस्टिवल तीन दिवसीय कार्यक्रम है। इस फेस्टिवल में लोकगीत, कठपुतलियों का खेल, आग के साथ खेल और लोक नृत्य का प्रदर्शन किया जाता है। इसके अलावा इसमें कई प्रतियोगिताएं भी होती हैं।
चिथिरई फेस्टिवल हर साल अप्रैल में तमिलनाडु के मदुरै में मीनाक्षी अम्मन मंदिर में मनाया जाता है। यह फेस्टिवल भगवान सुंदरेश्वर और देवी मीनाक्षी की शादी का प्रतीक है। इस कार्यक्रम का आयोजन देवी-देवताओं की मूर्तियों से भरे स्वर्ण रथों के जुलूस के साथ किया जाता है।
बिहू फेस्टिवल असम के सबसे लोकप्रिय गर्मियों के त्योहारों में से एक है। इस त्योहार को नए असमी साल की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। असम में 3 प्रकार के बिहू फेस्टिवल मनाए जाते हैं, जिसमें से बोहाग बिहू सबसे लोकप्रिय है।