एलोवेरा में कई चिकित्सीय गुण और स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण गठिया को रोकने में काफी मददगार होते हैं। इसके अलावा यह त्वचा में होने वाले संक्रमण, सनबर्न के इलाज के साथ-साथ जोड़ों के दर्द में राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है।
हल्दी सबसे बहुमुखी मसालों में से एक है। इस जड़ी-बूटी में करक्यूमिन की मात्रा अधिक होती है, जिसमें सूजन रोधी गुण होते हैं। हल्दी का सेवन करने से गठिया, गाउट या मांसपेशियों में दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है।
अदरक कई औषधीय गुणों से भी समृ्द्ध होती है और यह खाने में स्वाद लाने के साथ ही अच्छी सुगंध देने में भी मदद करती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसलिए इसके इस्तेमाल से गठिया की समस्या से राहत समेत कई तरह के स्वास्थ्य संबंधित लाभ मिल सकते हैं।
लहसुन में डायलील डाइसल्फाइड नामक एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक होता है, जो प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स के प्रभाव को कम करता है। इससे गठिया के दर्द, सूजन, हड्डियों के बीच खिंचाव और मांसपेशियों के नुकसान को रोकने में मदद मिलती है।
थाइम में विटामिन-K, आयरन, मैंगनीज और कैल्शियम जैसे कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इसके साथ ही इस जड़ी-बूटी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते हैं, जो गठिया के दर्द से राहत दिलाने के लिए काफी सहायक हैं।