भीगे हुए बादाम भोजन के पाचन को तेज बना सकते हैं। दरअसल, सूखे बादाम की बाहरी परत सख्त होती है, जिसे पचाने में कठिनाई होती है, लेकिन भिगोने से बादाम में पोषक तत्व सक्रिय हो जाते हैं, वे अधिक आसानी से पचते हैं।
भीगे हुए बादाम का सेवन मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है और मोटापे का खतरा कम हो सकता है। इसके अलावा यह फाइबर युक्त भी होते हैं, जो पेट को भरा हुआ महसूस कराता है।
भीगे हुए बादाम में एल-कार्निटाइन होता है। यह नई मस्तिष्क कोशिकाओं के उत्पादन और विकास में मदद कर सकता है। इन बादाम में फेनिलएलनिन भी होता है, जो संज्ञानात्मक कार्य और याददाश्त में सुधार कर सकता है।
भीगे हुए बादाम मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो खून में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम कर सकते हैं। बता दें कि खराब कोलेस्ट्रॉल का अधिक स्तर हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है।
मधुमेह को नियंत्रित करने में भी भीगे हुए बादाम का सेवन अहम भूमिका निभा सकता है। इनमें अघुलनशील फाइबर मौजूद होता है। इससे ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।