कई शोध के मुताबिक, जीरा गर्भवती महिलाओं में सिजेरियन सेक्शन के बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों से बचाने और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद कर सकता है। यह पेट दर्द, सूजन और एसिडिटी की समस्या से राहत दिलाने में भी कारगर है।
बढ़ता वजन हृदय रोग, मधुमेह और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। ऐसे में इसे नियंत्रित रखना जरूरी है। इसके लिए जीरे का सेवन करना लाभदायक है। एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों ने आठ हफ्ते तक जीरे का सेवन किया उनमें BMI और कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हुआ।
मधुमेह के जोखिम को कम करने में जीरे का सेवन मदद कर सकता है। इसमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव मौजूद होता है, जो खून में ग्लूकोज के स्तर को कम करने में सहायक हो सकता है। जीरे में एंटी-डायबिटीक गुण भी होता है, जो मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
कई अध्ययनों के मुताबिक, जीरे में मौजूद एंटी-कैंसर प्रभाव कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। इसमें ल्यूटिन नामक पोषक तत्व पाया जाता है जो एक कारगर एंटी-ऑक्सीडेंट है। यह शरीर में फ्री रेडिकल्स को बेअसर कर स्तन कैंसर के साथ-साथ कई तरह के कैंसर को पनपने से रोकने में मदद कर सकता है।
जीरे में ट्रिप्टोफैन नामक एक खास एंटी-ऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा मौजूद होती हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य को कई तरह के लाभ देने में मदद कर सकता है। यह चिंता, तनाव, अवसाद और अनिद्रा जैसे मानसिक विकारों को दूर रखने में काफी सहायक हो सकता है।