सोयाबीन के तेल का सेवन अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। खराब कोलेस्ट्रॉल के कम होने से हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोग से बचा जा सकता है।
सोयाबीन तेल में रेचक (laxative) गुण शामिल होते हैं, जिसके प्रभाव से पाचन शक्ति बढ़ाने में मदद मिल सकती है। रेचक के प्रभाव से सोयाबीन तेल अन्य तेलों के मुकाबले बहुत हल्का होता है, जिस वजह से आसानी से पच सकता है।
अगर आपका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 18.5 से नीचे है तो वजन बढ़ाने के लिए खाने में सोयाबीन का उपयोग करना लाभदायक हो सकता है। इसका कारण है कि सोयाबीन तेल में वनस्पति स्टार्च और फाइटोकेमिकल्स होता है।
सोयाबीन तेल में आइसोफ्लेफॉन नामक एक खास कंपाउंड होता है जो एंटी-ऑक्सीडेंट गुण की तरह काम करता है। यह कंपाउंड ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी रोगों से बचाव करता है।
सोयाबीन के अर्क में एंटी-एजिंग प्रभाव होते हैं, इसलिए इससे बनने वाले तेल का इस्तेमाल एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद कर सकता है। इस तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव मौजूद होते हैं, जो त्वचा को रिपेयर करने और त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत देने में मदद कर सकते हैं।