कारगिल युद्ध स्मारक श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर स्थित है। यह स्मारक उन सैनिकों की याद में बनाया गया था, जिन्होंने 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपना बलिदान दिया था। इस स्मारक में एक गुलाबी बलुआ पत्थर की दीवार है, जिस पर पीतल की प्लेटों पर वीर सैनिकों के नाम अंकित हैं।
दिल्ली में स्थित इंडिया गेट देश के सबसे प्रसिद्ध युद्ध स्मारकों में से एक है। इसका उद्घाटन 1931 में किया गया था। इस स्मारक पर उन ब्रिटिश-भारतीय सेना के शहीदों के नाम अंकित है, जिन्होंने पहले विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-इंडियन युद्ध में लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी।
अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग युद्ध स्मारक 40 फीट ऊंचा है। इसे 1962 के भारत-चीन युद्ध में बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया था। यहां शहीदों की बंदूकें और टोपियां भी रखी हुई हैं और रोजाना एक लामा आकर उनकी पूजा करते हैं।
पुणे स्थित दक्षिणी कमान में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक मौजूद है। यह स्मारक उन शहीदों को समर्पित है, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद के युद्ध में अपने जीवन का बलिदान दिया था। यह दक्षिण एशिया का एकमात्र ऐसा युद्ध स्मारक है, जो नागरिकों के योगदान से बनाया गया है।
विशाखापट्टनम के विजाग में रामकृष्ण समुद्र तट के पास विक्ट्री एट सी मेमोरियल स्थित है। यह स्मारक पूर्वी नौसेना कमान और भारतीय नौसेना के उन जवानों को समर्पित है, जिन्होंने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में अपनी जान गंवाई थी।