बाणासुर सागर बांध उन लोगों के बीच लोकप्रिय है, जो हरियाली के बीच कुछ समय आराम से बिताना चाहते हैं। वहां जाकर आपको राजसी पहाड़ियां, कल-कल करते झरने और विविध वनस्पतियां और जीव-जंतु देखने को मिल सकते हैं।
एडक्कल गुफाएं भारत में एकमात्र ऐसी संरचना है, जिनमें लगभग 8000 साल पुरानी नक्काशी है। वहां मौजूद गुफाएं समुद्र तल से 3,937 फीट ऊपर अंबुकुथी पहाड़ियों पर स्थित हैं और इसके प्रवेश द्वार तक पहुंचने से पहले व्यक्ति को लगभग 2 घंटे तक ट्रेकिंग करनी पड़ती है।
वायनाड वन्यजीव अभयारण्य केरल में नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का एक अभिन्न अंग है। यह लुप्तप्राय वनस्पतियों और जीवों को संरक्षित करने वाला केरल का दूसरा सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य भी है।
राजसी पश्चिमी घाट से घिरा इरुप्पु झरना या लक्ष्मण तीर्थ झरना भी वायनाड में घूमने के लिए एक आकर्षक जगह है। यह जगह हरियाली और शांत वातावरण में पक्षियों की मधुर चहचहाहट से भरी हुई है।
थिरुनेल्ली मंदिर केरल के सबसे प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति स्वयं भगवान ब्रह्मा ने स्थापित की थी।