देवी काली को समर्पित यह मंदिर दिल्ली के दक्षिणी भाग में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहां दिखाई देने वाली देवी की छवि स्वयं प्रकट हुई है, वहीं पौराणिक कथा की मानें तो इसी जगह मां काली ने राक्षसों का संहार किया था। कालकाजी मंदिर में लाखों की संख्या में भक्तों का तांता लगा रहता है।
मां दुर्गा के नौ अवतारों में से एक देवी कात्यायनी को समर्पित यह मंदिर भी दक्षिणी दिल्ली में स्थित है और इसकी स्थापना बाबा संत नागपाल जी ने 1974 में की थी। लगभग 70 एकड़ में फैला यह मंदिर दिल्ली के सबसे खूबसूरत और शानदार मंदिरों में शुमार है।
मां झंडेवाली को समर्पित यह मंदिर दिल्ली के मध्य में करोल बाग में स्थित है। इस मंदिर का इतिहास करीब 100 साल पुराना है। सुबह के 5 बजे इस मंदिर के कपाट खुलते हैं और तभी से भक्तों की कतारें लगना शुरू हो जाती हैं। इस मंदिर की सजावट इसका सबसे बड़ा आकर्षण है।
शीतला माता देवी मंदिर गुरूग्राम में स्थित है और नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। यहां पर आचार्य द्रोणाचार्य ने कौरवों और पांडवों को प्रशिक्षण दिया था।
गुफा मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है। यह मंदिर दिल्ली के प्रीत विहार इलाके में स्थित है। यह पुराने मंदिरों में से एक है और यह मां वैष्णो देवी को समर्पित है। यह मंदिर एक बड़ी गुफा के लिए जाना जाता है, जो भक्तों को वैष्णो देवी मंदिर में होने का एहसास दिलाता है।