चारमीनार हैदराबाद के केंद्र में स्थित है। इसकी वास्तुकला काजिया शैली को दर्शाती है। इस स्मारक की चारों मीनारें 48.7 मीटर ऊंची हैं। चारमीनार के अंदर एक मस्जिद और 45 प्रार्थना स्थल हैं।
गोलकुंडा किला 13वीं शताब्दी का है और इस किले में ध्वनि का प्रभाव आकर्षिक करता है। अगर आप इसके फतेह दरवाजे पर ताली बजाते हैं तो इसकी आवाज एक किलोमीटर दूर स्थित बाला हिसार में साफ सुनाई देती है।
यह प्राचीन मस्जिद 400 साल से अधिक पुरानी है और इसे हैदराबाद के संस्थापक मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने बनवाया था। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इसकी आधारशिला रखी थी और मस्जिद के चारों ओर ही पूरे शहर की योजना बनाई।
सालारजंग संग्रहालय की स्थापना साल 1951 में हुई थी। इसमें दुनिया के विभिन्न हिस्सों की प्राचीन वस्तुओं का बेहतरीन संग्रह है। इनमें से अधिकांश मीर यूसुफ अली खान की हैं, जिन्हें सालार जंग तृतीय के नाम से जाना जाता था।
कुतुबुद्दीन राजवंश की 7 कब्रों वाला कुतुब शाही मकबरा हैदराबाद के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। 1500 के दशक में निर्मित यह स्थल अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए कई पर्यटकों को आकर्षित करता है और इसमें हिंदू और फारसी शैलियों का मिश्रण है।