यह मंदिर कलिंग शैली की वास्तुकला की सुंदरता का एक बेहतरीन उदाहरण है और इसका निर्माण 11वीं शताब्दी ईस्वी में किया गया था। मंदिर के प्राथमिक देवता भगवान शिव हैं, जिनकी उनके हरिहर रूप में पूजा की जाती है। मंदिर में विष्णु की कई छवियां भी हैं।
इस मंदिर को मुक्तेश्वर देउला के नाम से भी जाना जाता है और इसका निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर का प्रसिद्ध मेहराबदार प्रवेश द्वार इसे ओड़िशा के अन्य प्रमुख मंदिरों के बीच अलग बनाता है।मंदिर का गुंबद 10.5 मीटर ऊंचा है और इसे जटिल पत्थर की नक्काशी से सजाया गया है।
ट्राइबल म्यूजियम ओड़िशा की जनजाति और आदिवासियों के जीवन की कहानी को अपने अंदर समेटे हुए हैं। जब आप इस संग्रहालय में घूमने के लिए जाएंगे तो आपको गाइड की सुविधा भी मिल जाएगी, जो आपको आदिवासियों के रहना-सहन और उनके जीवन के बारे में विस्तार से बताएंगे।
यह एक पुराना पार्क है, जिसमें एक खुला जिम क्षेत्र और बच्चों के लिए खेल क्षेत्र है। यहां खान-पान के लिए एक भोजनालय भी है।यह पार्क स्थानीय रूप से वन पार्क के रूप में लोकप्रिय है और पर्यटक इसे पिकनिक और सुबह या शाम की सैर के लिए पसंद करते हैं।
इस विज्ञान केंद्र में कई गैजेट्स और मशीनें हैं। साथ ही इसमें एक 3D सभागार भी है, जहां पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित 3D फिल्में दिखाई जाती हैं। यह विज्ञान प्रेमियों और बच्चों के बीच एक लोकप्रिय स्थान है।