निमोनिया एक संक्रामक रोग है, जिसमें सबसे ज्यादा फेफड़ों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह रोग वायरस, बैक्टीरिया या फंगल के संक्रमण के कारण होता है। इससे फेफड़ों में मौजूद ऊतकों में सूजन हो जाती है, जिससे उनमें तरल पदार्थ भर जाता है।
निमोनिया होने का मुख्य कारण वायरस, बैक्टीरिया या फंगल का संक्रमण है। इसके अलावा यह सामान्य सर्दी, कोरोना वायरस, इंफ्लुएंजा, लेजिओनेरेस और न्यूमोकोकल रोग के कारण भी हो सकता है।
निमोनिया से पीड़ित लोगों को तेज बुखार, सीने और पेट में दर्द, खांसी, खून वाली खांसी, थकान महसूस करना, सांस लेने में दिक्कत, पसीना आना या ठंड लगना, भूख में कमी और मानसिक थकावट का भी अनुभव हो सकता है।
निमोनिया का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसके किस प्रकार से पीड़ित हैं। डॉक्टर बैक्टीरिया के कारण निमोनिया होने पर एंटी-बायोटिक्स, फंगल के कारण होने पर एंटी-फंगल और वायरस के कारण होने पर एंटी-वायरल दवाएं देते हैं।
इस रोग से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी और अच्छा है। इसके लिए अपने हाथों पर बार-बार धोएं, वैक्सीनेशन करवाएं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखने के लिए स्वस्थ खाना खाएं और एक्सरसाइज करें।