नींबू के तेल में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा से डेड स्किन सेल्स को दूर करके मुंहासों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इसमें मैग्नीशियम एस्कॉर्बिल फॉस्फेट भी होता है, जिसका त्वचा पर हाइड्रेटिंग प्रभाव पड़ता है।
नीम में शक्तिशाली एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये गुण रूखी त्वचा के मुंहासों को कम करने में मदद कर सकते हैं। लाभ के लिए 10-15 नीम की पत्तियों को पानी के साथ पीसकर गाढ़ा पेस्ट बना लें और फिर इसे प्रभावित जगह पर लगाएं।
शहद में मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं, जो रूखी त्वचा को पोषण देने और ठीक करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद कर सकता है।
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक खास तत्व एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण की तरह कार्य करके रूखी त्वचा से मुंहासों को दूर कर सकता है। लाभ के लिए एक चम्मच हल्दी पाउडर में पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं और इसे त्वचा के प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो रूखी त्वचा के मुंहासों का इलाज करने में काफी मदद कर सकते हैं। लाभ के लिए एक एलोवेरा जेल को चम्मच की मदद से फेंट लें और इसे प्रभावित त्वचा पर लगाएं।