सेब के सिरके में ई कोलाई जैसे रोगाणुओं के खिलाफ शक्तिशाली एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं और ये बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटराइटिस के प्रभाव को कम करने में सक्षम हो सकते हैं। लाभ के लिए एक कप गुनगुने पानी में एक बड़ी चम्मच कच्चा सेब का सिरका मिलाएं और फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
शहद के एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी गैस्ट्रोएंटराइटिस को धीरे-धीरे दूर करने में मदद कर सकते हैं। लाभ के लिए एक कप पानी में एक से दो चम्मच कच्चा शहद मिलाएं और फिर इस घोल का सेवन करें।
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो गैस्ट्रोएंटराइटिस से जुड़े लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। लाभ के लिए एक कप पानी में एक इंच कटी हुई अदरक डालें और फिर इसे उबालें। अब इस मिश्रण को छानकर इसका सेवन करें।
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण गैस्ट्रोएंटराइटिस और इसके कारण होने वाली सूजन का तेजी से उपचार करने में सहायक हो सकते हैं। लाभ के लिए एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएं और फिर इस मिश्रण को सेवन कर लें।
कैमोमाइल टी एंटी-पैरासिटिक, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-डायरियल गुणों से युक्त होती है। ये सभी गुण संयुक्त रूप से गैस्ट्रोएंटराइटिस से बचाव में मदद कर सकते हैं। लाभ के लिए एक कप पानी में एक चम्मच सूखे कैमोमाइल के फूल को डालकर उबाल लें। इसके बाद इसे छानकर पी लें।