कविता हरियाणा के जींद जिले की रहने वाली हैं। वह भारत की पहली महिला पहलवान हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (WWE) में हिस्सा लिया। WWE में भाग लेने वाली वह भारत की पहली महिला पेशेवेर पहलवान हैं।
जब पहली बार वह अखाड़े में उतरीं तो लोग हैरान थे क्योंकि वह सूट-सलवार में लड़ाई के लिए उतरी थीं। ऐसी धारणा थी कि WWE में एक खास तरह के कपड़े पहनकर ही पहलवानी की जा सकती है। कविता समाज की इस धारणा को तोड़ना चाहती थी और वह इसमें सफल रहीं।
कविता के परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। दूध बेचकर गुजारा होता था। बड़े भाई संजय ने उन्हें खेल में आगे बढ़ने का हौसला दिया। कविता को समाज से भी जूझना पड़ा। उन्होंने रिंग में उतरकर प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ने से पहले गरीबी, समाज और रूढ़ियों-रुकावटों को चित किया।
कविता ने अपने करियर की शुरुआत वेटलिफ्टिंग से की थी। वह भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर की पावरलिफ्टिंग एथलीट भी बनीं। 2016 के साउथ एशियन गेम्स में 75 किलोग्राम की भारोत्तोलन की श्रेणी में वह भारत के लिए स्वर्ण पदक भी जीत चुकी हैं।
कविता ने 2017 में WWE की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। उन्होंने MAE Young Classic 2017 में अपनी पहलवानी का जौहर दिखाया। रेसलमेनिया 34 में कविता ने जब अपना जौहर दिखाया तो दुनियाभर के WWE पहलवानों ने उनका लोहा मान लिया।
कविता अपने खेल के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों 'फर्स्ट लेडी' सम्मान से सम्मानित की जा चुकी हैं। वह WWE की खिलाड़ी बनने से पहले स्वतंत्र रूप से पहलवानी किया करती थीं।
कविता, खली को अपना गुरू और प्रेरणा मानती हैं। खली ने ही उन्हें WWE के लिए अपने मातहत प्रशिक्षण दिया था। कविता की शादी 2009 में गौरव तोमर से हुई। 2010 में वह पहली बार मां बनीं। उन्होंने खेल के मैदान से लगभग दूरी बना ली। गौरव ने उन्हें मैदान पर वापसी के लिए प्रेरित किया। फिर कविता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।