विधु विनोद चोपड़ा बॉलीवुड के सबसे सम्मानित फिल्म निर्माता-निर्देशकों में शुमार हैं। अब एक बातचीत में उन्होंने पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार ग्रहण करने का किस्सा बताया है।
उन्होंने बताया, "राष्ट्रपति ने मुझे पुरस्कार दिया। पुरस्कार के साथ मुझे 4,000 रुपये भी मिलने थे। मैंने देखा कि लिफाफा काफी पतला है। मैंने मंच पर ही उसे खोल लिया। उसमें पोस्टल ऑर्डर था, जिसको 7 साल बाद नगद कराया जा सकता था।"
यह देखकर विधु मंच पर ही इसके बारे में आडवाणी से बात करने लगे। विधु ने आडवाणी से कहा, "सर मुझे तो नगद पुरस्कार मिलना था, यह तो पोस्टल ऑर्डर है।" इस पर आडवाणी ने उन्हें समझाया कि यह नगद ही है, जो 7 साल बाद मिल जाएगा।
विधु सुनने को तैयार नहीं थे और नगद की मांग पर अड़ गए। इसके बाद राष्ट्रपति ने उनसे पूछा कि क्या कोई समस्या है। उन्होंने राष्ट्रपति से भी अपनी शिकायत बताई। हारकर आडवाणी ने उन्हें अगले दिन अपने ऑफिस बुलाया।
अगले दिन जब विधु आडवाणी के ऑफिस पहुंचे, तो उन्होंने उनकी फटकार लगाई और उनके पिता को फोन करने के लिए कहा। इस पर विधु भी भड़क गए और उन पर अपना गुस्सा निकाल दिया।
"मैंने नाश्ता नहीं किया है। मैंने उधार लेकर समारोह के लिए 1,200 की शर्ट खरीदी थी, एसी चेयर कार का टिकट लिया था, क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि मुझे 4,000 रुपये मिलने वाले हैं।" इसके बाद आडवाणी ने उनकी मदद की।