इस फिल्म का निर्देशन बिमल रॉय ने किया था। प्राण ने इसमें राजा उग्र नारायण का किरदार निभाया था। इस फिल्म में उनके काम को खूब सराहा गया और यही उनके करियर की पहली फिल्म थी, जिसके बाद उन्हें खलनायक की भूमिकाओं के प्रस्ताव मिलने शुरू हुए थे।
इस फिल्म में राज कपूर और पद्मिनी ने मुख्य भूमिका निभाई थी। प्राण ने इसमें नाम के एक डाकू का किरदार निभाया था, जो अपने गिरोह के सरदार का खास होता है। इस फिल्म के लिए प्राण को बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन अवार्ड्स की तरफ से सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया था।
दिलीप कुमार ने इस फिल्म में डबल रोल किया था। प्राण उनके बहनोई बने थे। वह राम के साथ बेरहमी से पेश आते थे। इसमें प्राण ने गजेन्द्र नाम का किरदार निभाया और पर्दे पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। इस फिल्म में जितनी तारीफ दिलीप की हुई, उतनी ही वाहवाही प्राण ने भी लूटी।
हिंदी सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति फिल्म 'पूरब और पश्चिम' में प्राण ने हरनाम नाम के एक खलनायक की भूमिका निभाई, जो अपने फायदे के लिए भारत (मनोज कुमार) के पिता और एक स्वतंत्रता सैनानी को धोखा दे देता है। फिल्म में उनका किरदार हीरो पर भी भारी पड़ा था।
इस फिल्म की गिनती अमिताभ बच्चन की बेहतरीन फिल्मों में होती है। इसमें प्राण ने शेर खान का किरदार निभाया, जिनकी पहले फिल्म में अमिताभ के साथ जबरदस्त टक्कर होती है और फिर दोनों की लड़ाई दोस्ती में बदल जाती है। इस फिल्म में प्राण का किरदार हीरो से भी बड़ा था।
कुमार का 47 साल की उम्र में 6 नवंबर, 1985 को मुंबई में अपने घर में निधन हो गया था। वह बाथरूम में फर्श पर गिरे मिले थे, जिसके बाद दिल का दौरा पड़ने से निधन होने की बात सामने आई थी। कहा जाता था कि अभिनेता के परिवार में कोई भी पुरुष 50 वर्ष से अधिक नहीं जी पाता था।