'बाबूमोशाय... जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं,' राजेश खन्ना ने यह संवाद सिर्फ बोला नहीं, बल्कि अपने जीवन में भी उतारकर दिखाया था। जानिए, कैसे उन्होंने आखिरी बार की थी शूटिंग।
खन्ना का आखिरी प्रोजेक्ट एक पंखे का विज्ञापन था। इस विज्ञापन में खुद खन्ना की घटती लोकप्रियता पर तंज कसा गया था। निर्देशक आर बाल्की ने इस विज्ञापन का निर्देशन किया था।
दरअसल, अपने आखिरी प्रोजेक्ट की शूटिंग के दौरान खन्ना काफी बीमार थे। उनके हाथों में ड्रिप लगी हुई थी, लेकिन उन्होंने शूटिंग स्थगित करने से मना कर दिया था। इसके बाद वह एयर एंबुलेंस से सेट पर आए थे।
उनको ड्रिप लगी हुई थी। एक व्यक्ति बोतल पकड़े खड़ा था। एक अन्य उसका स्टैंड पकड़े हुए था। वह अपने कमरे में डांस करने की कोशिश कर रहे थे। यह देखकर विज्ञापन के निर्देशक आर बाल्की की आंखें नम हो गईं।
जब कैमरे के सामने जाने की बारी आई तो उन्होंने खुद ही अपने हाथ से ड्रिप निकाल दी। विज्ञापन तैयार होने के बाद वह इसे नहीं देख पाए थे, क्योंकि वह बहुत बीमार थे। शूटिंग के कुछ दिन बाद ही उनका निधन हो गया था।
18 जुलाई, 2012 को खन्ना ने 69 साल की उम्र में मुंबई में आखिरी सांस ली थी। वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। वे भारत के पहले औरएइकलौते अभिनेता हैं, जिन्होंने एक के बाद एक लगातार 15 सोलो हिट फिल्में दी थीं।