संदीप ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'हजरत टीपू सुल्तान पर फिल्म नहीं बनाई जाएगी। मैं अपने साथी भाइयों और बहनों से अनुरोध करता हूं कि वे मेरे परिवार, दोस्तों और मुझे धमकी देने या दुर्व्यवहार करने से बचें।'
संदीप ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, 'अगर मैंने अनजाने में किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं। ऐसा करने का मेरा कोई इरादा नहीं था, क्योंकि मैं सभी मान्यताओं का सम्मान करने में विश्वास रखता हूं।'
संदीप का कहना था कि वह टीपू की असलियत जानकर हैरान थे और अब वह उनकी सच्चाई दुनिया के सामने लाना चाहते हैं। उन्होंने ये भी दावा किया था कि वह सही तथ्यों के साथ फिल्म बनाएंगे और उन्हें लगता है कि टीपू 'सुल्तान' कहलाने के लायक नहीं हैं।
फिल्म के मोशन पोस्टर के जरिए कहा गया था कि टीपू के राज में 8,000 मंदिर तोड़े गए। 27 गिरिजाघर नष्ट किए गए। 40 लाख हिंदुओं को जबरन धर्मांतरण कर बीफ खाने को मजबूर किया गया। 1 लाख हिंदुओं को जेल में डाला गया और 2,000 ब्राह्मण परिवारों को कालीकट में खत्म कर दिया गया।
संदीप फिल्म में टीपू के नकारात्मक पहलुओं से दर्शकों को रूबरू कराना चाहते थे। बस तभी से वह टीपू के समर्थकों के निशाने पर थे। कुछ लोग उन्हें इसके चलते खूब खरी-खोटी सुना रहे थे, वहीं उनके घरवालों को भी निशाना बनाया जा रहा था।
संदीप फिलहाल रणदीप हुड्डा अभिनीत फिल्म' स्वतंत्र वीर सावरकर', 'मैं अटल हूं', 'बाल शिवाजी' और 'सफेद' और जैसी फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं। इसके अलावा बीते महीने कंगना रनौत ने संदीप के साथ अपने करियर की सबसे बड़ी फिल्म का ऐलान किया था।