'नाटू-नाटू' के संगीतकार एमएम कीरवानी हैं, जो ऑस्कर के मंच पर पुरस्कार लेकर खुशी से झूम उठे। जब वह इसके लिए गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड जीते थे तो भी उन्होंने अपनी खुशी खुलकर जाहिर की थी। कीरवानी ने तेलुगु फिल्म 'मनासु ममता' से अपने करियर की शुरुआत की थी।
'नाटू-नाटू' को ऑस्कर दिलाने का श्रेय चंद्रबोस को भी जाता है, जो इसके गीतकार हैं। उन्होंने इस गीत के इतने शानदार बोल लिखे कि हर कोई उनका मुरीद हो गया। चंद्रबोस ने फिल्म के लिए 20 गाने लिखे थे, लेकिन उन 20 में से 'नाटू-नाटू' को फाइनल किया गया था।
'नाटू-नाटू' में राम चरण और जूनियर एनटीआर ने अपने डांस से सभी से खूब वाहवाही बटोरी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें डांस सिखाया किसने? 'नाटू-नाटू' को प्रेम रक्षित ने कोरियोग्राफ किया। उन्होंने इस गाने के हुक स्टेप के लिए 101 डांस मूव्स तैयार किए थे।
'नाटू-नाटू' को अपनी जादुई आवाज में गाने वाले गायक राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव भी खूब चर्चा में हैं और इनके बिना यह गाना अधूरा है। काल भैरव कीरावनी के बेटे हैं, जो पेशे से दक्षिण भारतीय गायक हैं। दूसरी ओर राहुल भी साउथ के शानदार गायकों में से एक हैं।
जूनियर एनटीआर और राम चरण पर नाटू-नाटू फिल्माया गया और दोनों के डांसिंग स्टाइल की न सिर्फ, देश, बल्कि दुनियाभर में तारीफ हुई। गाने में राम चरण और एनटीआर की ट्यूनिंग और उनका जोश लोगों को खूब पसंद आया।
निर्देशक एसएस राजामौली ने अगर 'फफफ' न बनाई होती तो आज 'नाटू-नाटू' भी लोगों को नहीं मिलता। वह जानते थे कि ये राम चरण और एनटीआर को साथ-साथ डांस करते देखना दर्शकों के आनंद को एक नए स्तर पर ले जाएगा और सचुमच हुआ भी कुछ ऐसा ही।
किसी भी फिल्म या गाने को बेहतर बनाने में टेक्निकल टीम एक खास भूमिका अदा करती है। ऐसे में 'नाटू-नाटू' के मिक्स इंजीनियर, मास्टरिंग इंजीनियर और प्रोग्रामर जी जीवन बाबू और प्रोग्रामर सिद्धार्थ एस का काम भी अनदेखा नहीं किया जा सकता।