सुपरस्टार राजेश खन्ना की जिंदगी काफी दिलचस्प रही। उन्होंने अपने करियर में बुलंदियों को छूआ। कहते हैं उनके जैसा स्टारडम उस दौर में किसी ने नहीं देखा था। आइए आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
80 के दशक में लोग उनके नाम पर अपने बच्चों का नाम रखा करते थे। राजेश का असली नाम जतिन था, लेकिन उन्होंने अभिनय जगत में पांव रखने से पहले अपना नाम बदल दिया था। ऐसा उन्होंने अपने चाचा के कहने पर किया था।
हिंदी सिनेमा में पहली बार राजेश को ही सुपरस्टार नाम दिया गया था। यह उनकी फिल्म 'आराधना' के ब्लॉकबस्टर होने के बाद हुआ। फिल्म समीक्षकों ने उन्हें भारतीय सिनेमा का पहला सुपरस्टार बताया था।
राजेश भारत के पहले और इकलौते एक्टर हैं, जिन्होंने एक के बाद एक लगातार 15 सोलो हिट फिल्में दी थीं। साल 1969 से 1971 में रिलीज हुईं उनकी फिल्में सुपरहिट रहीं। उनके इस रिकॉर्ड को आज तक कोई नहीं तोड़ पाया।
राजेश पर मुंबई विश्वविद्यालय में निबंध पढ़ाए जाते थे। इस निबंध का नाम 'द करिश्मा ऑफ राजेश खन्ना' था। इससे बड़ी बात या सफलता एक अभिनेता के लिए और क्या हो सकती है? 1973 में BBC ने उनके ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसका नाम था 'बॉम्बे सुपरस्टार।
राजेश के प्रति लड़कियों की दीवानगी सबसे अलग थी। उनकी इस दीवानगी से जुड़ा एक किस्सा वो भी है, जब कॉलेज से फिल्म की शूटिंग देखने आईं लड़कियों की भीड़ के कारण राजेश के कपड़े तक फट गए थे। अपना प्यार जताने के लिए उन्हें लड़कियां खून से लिखे खत भेजती थीं।
राजेश ने करीब 22 ही ऐसी फिल्में कीं, जो दो हीरो वाली थीं। बाकी 100 से ज्यादा फिल्में उन्होंने सोलो लीड हीरो वाली कीं। राजेश ने 1966 में फिल्म 'आखिरी खत' से बॉलीवुड में कदम रखा था. ये पहली भारतीय फिल्म थी, जिसे 1967 में ऑस्कर में एंट्री मिली थी।