लता को लंदन के प्रतिष्ठित रॉयल अल्बर्ट हॉल में लाइव परफॉर्म करने वाली पहली भारतीय कलाकार होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने 1974 में लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में अपनी प्रस्तुति दी थी। इस हॉल में उन्होंने अपने कुछ पंसदीदा गीतों को प्रस्तुत किया था।
हर कोई लता के जीवन से जुड़े अनसुने किस्से जानना चाहता है, लेकिन लता अपने निजी जीवन को छिपाकर ही रखना चाहती थीं। पिछले कुछ सालों में कई निर्माता-निर्देशक उनके जीवन को पर्दे पर उतारना चाहते थे, लेकिन लता ने इसकी अनुमति नहीं दी।
लता भी नहीं चाहती थीं कि क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी रिटायर हों। एक बातचीत में उन्होंने कहा था, "वह पूरे देश के लिए प्रेरणा है। रिटायरमेंट ना सिर्फ उनके लिए, बल्कि उनके प्रशंसकों और उन लोगों के लिए भी गलत होगा, जो उनसे सीखते हैं"
लता ने एक वसीयत तैयार की थी, जिसके अनुसार उनकी सारी संपत्ति दान में देनी है। रिपोर्ट्स के अनुसार लता के पास कुल 500 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। 2001 में लता ने पुणे में एक मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और अनुसंधान केंद्र की स्थापना की थी।
लता के करियर की बात करें तो उनकी गायिकी की दुनिया दीवानी रही। अपने सात दशक लंबे करियर में लता ने विभिन्न भाषाओं में 30,000 से ज्यादा गाने गाए हैं। 2001 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' दिया गया था।