पामेला ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने यश को पहली बार क्रिकेट मैच के दौरान देखा था। पामेला अपने दो कजन के साथ पहुंची थीं। यश उनसे कुछ आगे बैठे थे। यहां वह उनसे मिली नहीं थीं, लेकिन यश ने पीछे मुड़कर उन्हें देखा था।
पहली बार अभिनेता रमेश शर्मा की मां को लगा था कि पामेला यश की जीवनसाथी बन सकती हैं। इसके बाद रमेश और उनके पिता ने पामेला से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद यश के घर वाले रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहते थे।
मुलाकात के बाद यश ने घर जाकर कहा, "घंटी नहीं बजी।" पामेला भी उनसे खास प्रभावित नहीं थीं। हालांकि, किस्मत ने इनको मिलाने की पूरी योजना बना रखी थी।
एक बार एक परीक्षा के सिलसिले में यश दिल्ली आए थे। वह यूं तो सिर्फ एक दिन के लिए आए थे, लेकिन उनकी फ्लाइट छूट गई और उन्हें दिल्ली में रुकना पड़ा। इस दौरान एक बार फिर से दोनों की मुलाकात हुई।
1970 में यश और पामेला ने सात फेरे लिए। यश की फिल्मों में भी पामेला का प्रभाव दिखता था। अपने जीवन में पामेला कि उपस्थिति के कारण वह अपनी महिला किरदारों को बेहतर तरीके से गढ़ने लगे।