मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्मे कार्तिक इंजीनियरिंग करने मुंबई आए थे। इसके पीछे कारण यही था कि वह एक्टर बनना चाहते थे, लेकिन उन्होंने अपने इस सपने के बारे में घरवालों को नहीं बताया था। वह इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑडिशन भी देते रहे।
कार्तिक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान एक्टिंग के लिए ऑडिशन ढूंढना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी पहली फिल्म मिलने और ऑडिशन की बात तब तक अपने घरवालों से छिपाए रखी, जब तक कि उनकी फिल्म की रिलीज पक्की नहीं हो गई।
कार्तिक हर बार ऑडिशन में रिजेक्ट हो जाते थे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी, क्योंकि एक्टर बनने का जुनून सिर पर सवार था। कार्तिक 12 लोगों के साथ फ्लैट में रहते थे। तीन साल ऑडिशन देने के बाद उन्हें उनकी पहली फिल्म 'प्यार का पंचनामा' मिली।
कार्तिक एक अच्छे लेखक भी हैं। वह शुरू से ही लिखने के शौकीन रहे हैं। समय मिलते ही कार्तिक कविताएं और कहानियां लिखते रहते हैं। उन्होंने अपनी लिखी एक कहानी से बतौर निर्देशक जुड़कर उसे फिल्म की शक्ल देने की बात भी कही है।
कार्तिक जब चार साल के थे तो वह दिल्ली के करोल बाग मार्केट में अपने माता-पिता से बिछड़ गए थे, जिसके बाद उनके माता-पिता ने पुलिस की मदद ली और करीब चार घंटे बाद वह उन्हें मिले। उन्होंने खुद यह किस्सा सुनाया था।
कार्तिक जब 10वीं क्लास में थे तो उन्होंने पहली बार गर्लफ्रेंड बनाई थी। उस समय उनकी उम्र 16 साल थी। वह उससे वैलेंटाइन डे वाले दिन रेस्तरां में मिलते थे। उस समय उन्हें घरवालों का काफी डर सताता था कि कहीं कोई देख न ले।