जानिए कैसे अमिताभ बच्चन के करियर की टर्निंग पॉइंट साबित हुई 'मोहब्बतें'

किरदार

फिल्म कॉलेज रोमांस ड्रामा थी। इस कॉलेज को फिल्म में गुरुकुल कहा जाता है। अमिताभ का किरदार नारायण शंकर गुरुकुल के प्रिंसिपल थे। वह छात्रों में अनुशासन को लेकर काफी सख्त थे। नारायण शंकर की सख्ती हर छात्र की प्रेम कहानी का गला घोंट देती है।

करियर 

अमिताभ 1990s में 'मेजर साब', 'लाल बादशाह', 'कोहराम' और मृत्युदाता जैसी फिल्मों में नजर आए थे। ये फिल्में कुछ खास सफल नहीं हुई थीं और अमिताभ अपना करियर फिर से पटरी पर लाना चाह रहे थे।

विकल्

अमिताभ ने एक पुराने इंटरव्यू में कहा था कि उस वक्त उनके पास दो विकल्प थे, या तो वे सबकुछ शुरू से शुरू करें या फिर रिटायर हो जाएं।

अमिताभ ने मांगा रोल

अमिताभ ने यशराज फिल्म्स की इस फिल्म के बारे में सुना। वह खुद यश चोपड़ा के पास यह रोल मांगने गए थे और यश चोपड़ा ने उन्हें अपनी फिल्म में ले लिया।

नई पारी

नारायण शंकर का किरदार उनके लिए टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ। इस फिल्म में अमिताभ ने अपनी परंपरागत हीरो की छवि को छोड़कर पके हुए बालों के साथ अपने करियर के नए दौर की शुरुआत की थी।

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