यह कहना गलत नहीं होगा कि सलीम खान की लिखी फिल्मों ने ही अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड का सितारा बनाया। आइए, नजर डालते हैं सलीम और अमिताभ की इस जोड़ी की फिल्मों पर।
अमिताभ बच्चन को नई पहचान मिली थी 1973 की फिल्म 'जंजीर' से। इस फिल्म को जावेद अख्तर और सलीम खान ने लिखा था। इसी फिल्म के साथ अमिताभ के विजय नाम के किरदारों का भी सिलसिला शुरू हुआ।
'मेरे पास गाड़ी है, बंगला है...' आपने यह फिल्म देखी हो या न देखी हो, फिल्म का यह डायलॉग कभी न कभी बोला ही होगा। यह 1975 की फिल्म 'दीवार' का डायलॉग है। इस फिल्म को भी सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखा था।
आज की पीढ़ी भले ही फरहान अख्तर के 'डॉन' फ्रैंचाइजी की दीवानी है लेकिन इसकी बुनियाद 1978 में सलीम खान और जावेद अख्तर ने रखी थी। 'डॉन' भी अमिताभ के करियर के सबसे यादगार किरदारों में से एक है।
प्रशंसक 'शोले' के बिना अमिताभ की कल्पना नहीं कर पाते हैं। 'शोले' के आइकॉनिक किरदारों को गढ़ने और यादगार संवादों को लिखने का श्रेय भी सलीम-जावेद की जोड़ी को जाता है।
इस फिल्म में अमिताभ और दिलीप कुमार की जोड़ी नजर आई थी। रमेश सिप्पी की यह फिल्म 1982 में आई थी। उस साल इस फिल्म ने कई पुरस्कार जीते थे।