अक्षय कुमार की फिल्म 'मिशन रानीगंज: द ग्रेट भारत रेस्क्यू'के निर्माता इस फिल्म को स्वतंत्र रूप से ऑस्कर के लिए भेजने की तैयारी कर रहे हैं। आइए, नजर डालते हैं उन फिल्मों पर जो इससे पहले स्वतंत्र रूप से ऑस्कर के लिए भेजी गई थीं।
फिल्म के गाने 'नाटू नाटू' ने बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग की श्रेणी में ऑस्कर जीता था। हालांकि, यह फिल्म ऑस्कर के लिए आधिकारिक एंट्री नहीं थी। आधिकारिक चयन न होने के बाद राजामौली ने इसे स्वतंत्र रूप से पुरस्कार की रेस में शामिल करने का फैसला किया था।
आर माधवन की फिल्म 'रॉकेट्री: द नांबी एफेक्ट' को भी पिछले साल स्वतंत्र रूप से ऑस्कर के लिए भेजा गया था। यह फिल्म पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित और ISRO के एयरोस्पेस इंजीनियर नांबी नारायणन की जिंदगी पर आधारित है।
'द कश्मीर फाइल्स' में 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई हिंसा को दिखाया गया था। निर्माताओं ने इस फिल्म को स्वतंत्र रूप से ऑस्कर के लिए भी भेजा था। अकैडमी द्वारा शॉर्टलिस्ट किए जाने के बाद फिल्म नामांकन में जगह नहीं बना पाई थी।
2006 की इस फिल्म को भी स्वतंत्र रूप से ऑस्कर की दावेदारी के लिए भेजा गया था। फिल्म में महात्मा गांधी के सिद्धांतों को रोचक तरीके से दिखाया गया था। उस साल भारत की ओर से आमिर खान की 'रंग दे बसंती' ऑस्कर के लिए भेजी गई थी।
2014 में आई जैकी भगनानी की फिल्म 'यंगिस्तान' को भी स्वतंत्र रूप से ऑस्कर के लिए भेजा गया था। यह एक ऐसे युवा की कहानी थी, जिसे अपने पिता की मृत्यु के बाद विदेश से भारत लौटना पड़ता है और राजनीति में उतरना पड़ता है।