निर्देशक वी शांताराम की 1957 में आई फिल्म 'दो आंखे बारह हाथ' पहली ऐसी भारतीय फिल्म थी, जिसने गोल्डन ग्लोब अवॉड्र्स में अपनी जगह बनाई थी। फिल्म ने सैमुअल गोल्डविन अंतरराष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीता था।
सत्यजीत रे हिंदी सिनेमा के उन महान निर्देशकों में शामिल हैं, जिनकी फिल्मों के उदाहरण आज भी पेश किए जाते हैं। उनकी फिल्म 'अपुर संसार' ने भी उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई। फिल्म को सर्वश्रेष्ठ मोशन पिक्चर (विदेशी भाषा) की श्रेणी में गोल्डन ग्लोब्स में नॉमिनेशन मिला था।
1982 में आई महात्मा गांधी के जीवन पर बनी फिल्म 'गांधी' को गोल्डन ग्लोब्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ पटकथा (मोशन पिक्चर), न्यू स्टार ऑफ द ईयर और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (मोशन पिक्चर) जैसी श्रेणियों के लिए नॉमिनेशन मिला था और इसने सभी श्रेणियों में जीत हासिल की थी।
मीरा नायर 1988 में यह फिल्म लेकर आई थीं। इसमें नाना पाटेकर और रघुवीर यादव भी थे। इसे गोल्डन ग्लोब्स में गैर-अंग्रेजी भाषा की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए नॉमिनेट किया गया था। इस फिल्म ने आते ही देश ही नहीं, पूरी दुनिया में हलचल मचा दी थी।
इस फिल्म का निर्देशन भी मीरा नायर ने किया था। 2001 में आई इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और शेफाली शाह नजर आई थीं। मॉनसून वेडिंग को बेस्ट मोशन पिक्चर (विदेशी भाषा) की श्रेणी में नामांकित किया गया था। यह फिल्म प्राइम वीडियो पर है।