नीम के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। ये सभी गुण फेफड़ों को प्रभावित करने वाले रोगों के खिलाफ काम करके सांस की परेशानियों को खत्म कर सकते हैं।
नीम की छाल एंटी-सेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करने वाले गुणों से भरपूर होती है, जो मौखिक स्वास्थ्य को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हैं। इसलिए ही नीम की दातुन भी करते हैं।
नीम के मेथनॉल-अर्क में मौजूद पॉलीफेनोल में एंटी-हाइपरटेंसिव गुण होते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक हैं। हालांकि, हाई ब्लड प्रेशर के रोगी डॉक्टरी सलाह के बाद ही नीम का इस्तेमाल करें।
नीम में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव मौजूद होता है, जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त यह मधुमेह की समस्या से बचाव करने और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
नीम में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी मौजूद होते हैं, जो डैंड्रफ से छुटकारा दिलाकर स्कैल्प को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए अपने हेयर केयर रूटीन में नीम के तेल को शामिल करना लाभदायक होगा।