भारत के पूर्वोत्तर राज्य अपनी आकर्षक आदिवासी संस्कृति के लिए खूब जाने जाते हैं। नागालैंड में बहुत सारे आदिवासी गांव हैं। इनमें नागा जनजातियों सहित 16 से अधिक जनजातियां रहती हैं। पर्यटकों को यहां पर प्राचीन कला और संस्कृति के बारे में खूब जानने को मिलता है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में चार तरह के आदिवासी समुदाय हैं जो नेग्रिटो समूह से संबंधित हैं। यहां पर सदियों से आदिवासी रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इनमें से कुछ आदिवासी समूहों का बाहरी दुनिया के साथ शून्य संपर्क है।
नीलगिरी तमिलनाडु में स्थित है। यहां स्थित टोडा आदिवासी समुदाय के घर आकर्षक आदिवासी स्थल हैं। यहां पर आपको बांस, रतन और बेंत से बनी आधी बैरल वाली झोपड़ियां देखने को मिलेंगी। इनके मुख्य दरवाजे को डोगल कहा जाता है, जो लुढ़कती पहाड़ियों पर बसे होते हैं।
ओडिशा में देश के सबसे लोकप्रिय जनजातीय स्थल मौजूद हैं। यहां पर कई ग्रामीण गांव हैं, जिनमें 60 से अधिक आदिवासी समूहों के घर हैं। ये सभी लोग प्राचीन आदिवासी परंपराओं को संरक्षित करने में कामयाब भी रहे हैं।
गुजरात के गिर जंगल में सिद्दी नाम का एक आदिवासी समुदाय रहता है। मूल रूप से अफ्रीका के रहने वाले ये आदिवासी अफ्रीका के बंटू समुदाय से जुड़े हुए हैं। इसी कारण उनके निवास स्थान को गुजरात का अफ्रीका भी कहा जाता है।