फिल्म में अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य की कहानी को दिखाया गया है। यह कपल नॉर्वे में अपने दो बच्चों के साथ एक सामान्य जिंदगी बिता रहा था, लेकिन 2011 में इनकी जिंदगी में भूचाल आ गया।
सख्त बाल संरक्षण कानून के कारण नॉर्वे चाइल्ड वेलफेयर एसोसिएशन ने इनके तीन साल के बेटे अभिज्ञान और कुछ महीनों की बेटी ऐश्वर्या को लेकर फोस्टर केयर में रख दिया था।
प्रशासन ने सागरिका और अनुरूप पर कई आरोप लगाए थे। उन्होंने बच्चे को हाथ से खिलाने को जबरदस्ती खिलाना माना था। प्रशासन ने बच्चे के अपने पिता के साथ सोने पर भी आपत्ति जताई थी।
सागरिका ने भारत सरकार से भी मदद की गुहार लगाई थी। भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद 2012 में बच्चों को अनुरूप के भाई को सौंप दिया गया। उन्हें भारत लाने की अनुमति दे दी गई।
इस कानूनी लड़ाई के बीच सागरिका और अनुरूप का तलाक हो गया। इसके बाद सागरिका ने अपने ससुराल वालों से बच्चे की कस्टडी पाने के लिए पश्चिम बंगाल में अदालत के चक्कर काटे। 2013 में बच्चों की कस्टडी उन्हें मिल गई।