पुडुचेरी में जन्मे प्रेम चेन्नई में पले-बढ़े। उनका असली नाम थॉमस सतीश है। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई है। उनकी पत्नी का नाम राजलक्ष्मी और बेटे का नाम परीक्षित है।
प्रेम कई तेलुगु फिल्मों के लिए कोरियोग्राफी कर चुके हैं। ‘नाटू-नाटू’ में उनके हुक स्टेप की सराहना दुनियाभर के लोगों ने की है। प्रेम ने अपने डांस स्टेप्स से सबको ऐसे नचाया कि अब उन्हें सिर्फ साउथ इंडस्ट्री ही नहीं, बल्कि पूरा भारत जानने लगा है।
प्रेम के पिता हीरे के व्यापारी थे। एक समय उनका परिवार खासा संपन्न हुआ करता था, लेकिन 1993 में कुछ कारणों से उनके पिता को अपने पारिवारिक कारोबार से अलग होना पड़ा और फिर उनके परिवार के तंगी के दिन शुरू हो गए।
पिता ने परिवार चलाने के लिए फिल्मों में नृत्य निर्देशक के तौर पर काम करना शुरू कर दिया, वहीं प्रेम एक दर्जी की दुकान पर छोटी-मोटी नौकरी करने लगे। उन्हें कोई सही नौकरी नहीं मिल रही थी। रक्षित डांस यूनियन फेडरेशन के सदस्य थे।
कहीं काम न मिलने से परेशान होकर उन्होंने एक बार तो आत्महत्या करने तक का मन बना लिया था, क्योंकि उन्हें लगा कि अगर वह जान दे देंगे तो फेडरेशन अपने नियम के अनुसार उनके परिवार को 50,000 रुपये देगा, जिससे उसकी मदद होगी।
हालांकि, वह जिस साइकिल से वहां गए थे, वह भी उधारी की थी। यह सोचकर कि जिस शख्स से उन्होंने साइकिल ली है, वह उनके मां-बाप से जाकर मांगेगा, इसलिए वह साइकिल लौटाने घर वापस आ गए।
प्रेम ने 2004 में आई तेलुगु फिल्म 'विद्यार्थी' से नृत्य निर्देशक के तौर पर सिनेजगत में कदम रखा। तंगी के दिनों में उन्होंने एसएस राजामौली के बच्चों को डांस भी सिखाया। हालांकि, राजामौली को नहीं पता था कि 'विद्यार्थी' का नृत्य निर्देशन रक्षित ने किया था।
प्रेम ने एक दिन हिम्मत करके राजामौली को सच बताया। इसके बाद राजामौली ने उन्हें फिल्म 'छत्रपति' के नृत्य निर्देशन का जिम्मा सौंपा और फिर साउथ में उनके लिए दरवाजे पूरी तरह से खुल गए।
प्रेम ने अपने करियर में सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर के लिए 4 फिल्मफेयर पुरस्कार, 3 नंदी पुरस्कार, 3 संतोषम फिल्म पुरस्कार जीते। 2007 में आई तेलुगु फिल्म 'यमाडोंगा' के लिए प्रेम को सिनेमा पुरस्कार भी मिला और अब राजामौली के साथ ने उन्हें ऑस्कर दिला दिया है।