'12वीं फेल' में विक्रांत ने एक ऐसे लड़के की भूमिका निभाई है, जो तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वह अपने आखिरी प्रयास में परीक्षा पास कर लेता है। आइए, नजर डालते हैं बॉलीवुड की ऐसी फिल्मों पर जो कभी हार न मानने की सीख देती हैं।
फिल्म में अक्षय ने इंजीनियर जसवंत गिल का किरदार निभाया है, जिन्होंने अपनी सूझबूझ से एक कोयला खदान में फंसे 65 मजदूरों की जान बचाई थी। जब हर कोई मान चुका था कि मजदूर मर चुके हैं, जसवंत ने फिर भी अपना बचाव अभियान जारी रखा था।
आर बाल्की की फिल्म 'घूमर' अगस्त में रिलीज हुई थी। यह फिल्म सबकुछ खत्म होने के बाद शून्य से शुरू करने की एक प्रेरक कहानी है। फिल्म में अभिषेक बच्चन और सैयामी खेर नजर आए थे। सैयामी ने फिल्म में एक क्रिकेटर की भूमिका निभाई थी।
पंकज त्रिपाठी की फिल्म 'कागज' उनकी बेहतरीन फिल्मों में शुमार है। फिल्म में पंकज ने भारतलाल नाम के शख्स का किरदार निभाया था, जिसे सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद खुद को जिंदा साबित करने के लिए वह दर-दर भटकरता रहता है।
'सूरमा' दिग्गज हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह की बायोपिक है। संदीप अपने खेल में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे, तभी एक हादसे में उन्हें गोली लग जाती है। खेल में वापसी के जुनून से वह खुद को न सिर्फ दोबारा अपने पैरों पर खड़ा करते हैं, बल्कि हॉकी के मैदान में भी कमाल दिखाते हैं।
यह फिल्म क्रिकेटर प्रवीण तांबे के संघर्षों पर आधारित है, जिन्होंने 41 साल की उम्र में IPL में डेब्यू किया था, जबकि वह 12 साल की उम्र से अपने राज्य या देश के लिए क्रिकेट खेलने का सपना देख रहे थे।