आमिर खान इस फिल्म के निर्माता-निर्देशक थे और उन्होंने इसमें अभिनय भी किया था। फिल्म 8 साल के एक ऐसे बच्चे की कहानी है, जो प्रतिभाशाली है, लेकिन उसकी प्रतिभा से उसके माता-पिता से लेकर कोई भी वाकिफ नहीं है। इस फिल्म काे 3 राष्ट्रीय पुरस्कार और 5 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले थे।
जब प्रेरणादयक फिल्मों की बात हो तो भला फिल्म 'आई एम कलाम' को कैसे भूल सकते हैं। यह ढाबे में काम करने वाले तमाम छोटुओं में से एक छोटू (हर्ष मायर) की कहानी है, जो असंभव दिखने वाले अपने ख्वाब को हकीकत में बदलने की कोशिश करता है।
यह फिल्म ना सिर्फ दिल को छूती है, बल्कि गरीबी और जानवरों से प्यार जैसे कई मुद्दे भी उठाती है। फिल्म राष्ट्रीय पुरस्कार भी अपने नाम कर चुकी है। विकास बहल और नितेश तिवारी ने मिलकर इस फिल्म का निर्देशन किया था, वहीं सलमान खान इसके निर्माता थे।
इस फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि हालात चाहे जैसे भी हों, डटकर मुकाबला करना चाहिए। फिल्म गांव में रहने वाले एक मूक-बधिर लड़के की कहानी है, जो भारतीय क्रिकेट टीम के क्रिकेट खेलने का सपना देखता है।
धावक मिल्खा सिंह के जीवन पर बनी इस फिल्म में फरहान अख्तर ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इसमें नन्हे मिल्खा से उनके धावक बनने तक का सफर दिखाया गया है। फिल्म में दिखाया गया कि जीवन में अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मिल्खा ने क्या कुछ किया।