आर्थिक सर्वेक्षण में पिछले एक साल में देश की आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट और इससे संबंधित आंकड़े होते हैं। इस सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी मुख्य चुनौतियों और इनसे निपटने के उपायों के बारे में भी बताया जाता है।
केंद्र सरकार द्वारा बजट पेश करने से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण को संसद में पेश किया जाता है और यह वित्त मंत्रालय का अहम दस्तावेज है, जो चालू वित्त वर्ष की अर्थव्यवस्था की समीक्षा करने में विशेषज्ञों की सहायता करता है।
वित्त मंत्रालय ने साल 1950-51 में पहली आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की थी और उस समय इसे बजट के साथ ही पेश किया जाता था। साल 1964 में इसे बजट से अलग कर दिया गया।
जानकारों की मानें तो साल 2017-18 की शुरुआत से भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति कुछ खास नहीं है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत की संभावित विकास दर आठ प्रतिशत से गिरकर छह प्रतिशत पर आ गई है।
संसद में सरकार की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। बजट सत्र के दौरान लगभग 36 विधेयक संसद में पेश किये जाएंगे, बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा।