लग्जरी गाड़ियों की कीमतें इसलिए अधिक होती हैं क्योंकि इनकी बिल्ड क्वालिटी साधारण गाड़ियों की तुलना में बेहतर होती है। इस वजह से कंपनी को इनका उत्पादन करने में अधिक पैसे लगाने पड़ते हैं।
अन्य गाड़ियों की तुलना में लग्जरी गाड़ियों में पावरफुल इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं। यही वजह है कि मात्र कुछ ही सेकेंड में ये 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती हैं।
लग्जरी कार बनाने वाली कंपनियां केबिन में अच्छे क्वालिटी के प्लास्टिक का इस्तेमाल करती हैं। साथ ही इनमें कई सारे सेफ्टी फीचर्स भी दिए जाते हैं, जो दुर्घटना के समय यात्रियों को बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
देश में उपलब्ध अधिकांश लग्जरी गाड़ियां भारत में असेम्बल की जाती हैं। सरकार द्वारा इन गाड़ियों पर 15% आयत कर और 28% GST भी लगाती है, जिससे शोरूम तक आते-आते ये काफी महंगी हो जाती हैं।
कई गाड़ियां कम्पलीट बिल्ड यूनिट (CBU), यानी पूरी तरह बाहर से बनकर आती हैं। इन गाड़ियों पर 100% आयात कर लगता है। अन्य टैक्स जोड़कर यह लगभग 120% हो जाता है, जिससे इनकी कीमतें काफी बढ़ जाती हैं।