अलग-अलग रंगों की नंबर प्लेट क्यों होती है?

सफेद रंग

व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ियों पर सफेद रंग की नंबर प्लेट लगी होती है और उस पर काले रंग से नंबर लिखा होता है। इस तरह की प्लेट निजी या गैर-व्यावसायिक वाहनों पर लगाई जाती है।

पिला रंग

व्यावसायिक वाहन जैसे टैक्सी, ट्रकों और कैब्स आदि के लिए पीले रंग की प्लेट का उपयोग होता है, जिस पर काले रंग से नंबर लिखा होता है।

लाल रंग

लाल रंग की नंबर प्लेट RTO द्वारा किसी भी कंपनी के नए वाहन को एक तत्कालिक नंबर प्लेट के तौर पर एक महीने के लिए दी जाती है। हालांकि, भारत के सभी राज्यों में इसके लिए अलग-अलग नियम हो सकते हैं।

हरा रंग

हरे रंग की प्लेट खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए होती है। इसका उपयोग इलेक्ट्रिक बसों और कारों आदि के लिए होता है। इस पर नंबर सफेद रंग से लिखे होते हैं।

नीला रंग

नीले रंग की नंबर प्लेट विदेशी राजनयिकों की गाड़ियों के लिए इस्तेमाल की जाती है। इन नंबर प्लेट्स में डिप्लोमैटिक कॉर्प्स (DC), कंसुलर कॉर्प्स (CC), यूनाइटेड नेशन्स (UN) जैसे अक्षर लिखे होते हैं।

काला रंग

इसके अलावा काले रंग की नंबर प्लेट भी होती हैं, जिस पर पीले रंग से नंबर लिखे होते हैं। इस प्रकार की प्लेट का उपयोग किराये पर ली गई कारों के लिए होता है। इसके अलावा होटल की कारों पर भी यह नंबर प्लेट लगी होती है।