चुनावी बॉन्ड
केंद्र सरकार ने वित्त विधेयक 2017 में चुनावी बॉन्ड शुरू करने का ऐलान किया था। केवल भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ही ये बॉन्ड जारी कर सकता है और इन पर नोटों की तरह उनकी कीमत छपी होती है। चुनावी बॉन्ड्स 1,000, 10,000, एक लाख, 10 लाख और एक करोड़ रुपये के मल्टीपल्स में खरीदे जा सकते हैं। SBI हर तिमाही में 10 दिन के लिए चुनावी बॉन्ड जारी करता है। ये ब्याज मुक्त होते हैं। केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड लाने के पीछे चुनावी सुधार और राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता लाना मकसद बताया था। हालांकि, इसके विरोधियों का तर्क है कि इससे पारदर्शिता प्रभावित होती है और यह नहीं पता चलता कि किस कंपनी ने किसे चंदा दिया है।

10 Jan 2020
पिछले एक साल में भाजपा की आय बढ़कर दोगुनी से अधिक हो गई है।

22 Nov 2019
चुनावी बॉन्ड को लेकर जारी विवाद के बीच इनसे जुड़ी एक और जानकारी सामने आई है।

21 Nov 2019
कांग्रेस ने गुरूवार को लोकसभा में चुनावी बॉन्ड (इलेक्टॉरल बॉन्ड) का मुद्दा जोरशोर से उठाया।