ई-सिगरेट
ई-सिगरेट बैटरी पर चलने वाली सिगरेट है जिसमें निकोटिन का सॉल्यूशन गर्म होकर भाप के रूप में पीने वाले के फेफड़ों में जाता है। इसे बेचने वाली ज्यादातर कंपनियां विदेशी हैं और उनका दावा है कि ई-सिगरेट पारंपरिक सिगरेटों के मुकाबले कम हानिकारक है। उनका कहना है कि क्योंकि ई-सिगरेट में केवल निकोटीन होता है और इसके अलावा तंबाकू सिगरेट में पाए जाने वाले अन्य हानिकारक पदार्थ नहीं होते हैं। हालांकि, दूसरी तरफ इसके भी नुकसान है। ई-सिगरेट जैसे उत्पादों के सेवन से DNA में खराबी और कैंसर जैसी बीमारियां हो रही हैं। भारत में सरकार ने 2019 में इस पर पूर्ण पाबंदी लगा दी थी। भारत में इनका निर्माण, उत्पादन, आयात, निर्यात, वितरण, स्टोरेज और विज्ञापन गैर-कानूनी है। नियम तोड़ने पर सजा हो सकती है।

02 Dec 2019
केंद्र सरकार ने सितंबर में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब देश में ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात-निर्यात, रखने और बेचने पर पूरी तरह रोक है। केंद्र सरकार के इस फैसले पर कई सवाल भी उठे थे।

19 Sep 2019
बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशभर में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की घोषणा की, जिसके बाद अब इनका निर्माण, उत्पादन, आयात, निर्यात, वितरण, स्टोरेज और विज्ञापन गैर-कानूनी होगा।